‘‘खोयी वस्तु रिपोर्ट सेवा’’ का उपयोग करने हेतु सबसे पहले आपको उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट https://uppolice.gov.in उत्तर प्रदेश पुलिस : बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं पर सिटीजन सर्विसेज में मोबाइल एप्प खोलना होगा। इसमें आपको इस सेवा हेतु वेब वर्जन एवं मोबाइल वर्जन 2 विकल्प प्राप्त होंगे। इस एप्प में लाॅग इन के लिये पूर्व से पंजीकृत प्रयोगकर्ता केवल अपना ई-मेल अथवा मोबाइल नंबर भरकर लाॅग इन कर सकते है जबकि नये प्रयोगकर्ता को अपना नाम, मोबाइल नम्बर, व ई-मेल (यदि उपलब्ध है) भरकर लाॅग इन करने पर अंकित मोबाइल नम्बर तथा ई-मेल पर 4 अंक का कोड प्राप्त होगा। जिसके सत्यापन के पश्चात ही आप रिपोर्ट पंजीकृत करने के लिये सेवा के मुख्य पृष्ठ पर प्रवेश कर सकेंगे। इसके पश्चात ‘‘रिपोर्ट दर्ज करें’’ बटन पर क्लिक करने पर शिकायतकर्ता अपना नाम, पता, मोबाइल नम्बर, खोने का स्थान, समय, जिला व पुलिस थाना (यदि ज्ञात हो), गुम वस्तु या दस्तावेज का विवरण भरने के बाद ‘‘पंजीकृत करें’’ का बटन क्लिक करें। सफल पंजीयन पर एक पृथक एल0ए0 (लुप्त आख्या) नम्बर के साथ आपकी रिपोर्ट पंजीकृत प्रक्रिया सफल हो जायेगी।
एल0ए0 (लुप्त आख्या) नम्बर भरकर गुम रिपोर्ट का सत्यापन किया जा सकता है। एल0ए0 नम्बर के माध्यम से आप लुप्त आख्या अपने मोबाइल फोन से भी प्राप्त कर सकते है। इसके अतिरिक्त इसकी जानकारी हेतु आप राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस से भी संपर्क कर सकते है।
यदि आपके द्वारा पंजीकृत सूचना की रिपोर्ट खो गयी है, तो उसे आप दोबारा भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिये ‘‘दर्ज रिपोर्ट देखें’’ बटन पर क्लिक करकर गुम रिपोर्ट का चयन करें। यदि आप ई-मेल पर अपनी खोयी रिपोर्ट की नकल प्राप्त करना चाहते हैं तो अपना ई-मेल आई0डी0 दर्ज करें। ‘‘रिपोर्ट देखें’’ बटन पर क्लिक करने पर आपकी स्क्रीन पर रिपोर्ट दिखायी देेगी और यदि ई-मेल आईडी दिया गया है तो रिपोर्ट की एक प्रति उस ई-मेल पर मेल कर दी जायेगी। किसी भी व्यक्ति द्वारा दर्ज करायी गयी गुमशुदगी संबंधी रिपोर्ट में अनाधिकृत प्रवेश को रोकने के लिये उस रिपोर्ट का एल0ए0 नम्बर व प्रयुक्त मोबाइल नम्बर अथवा ई-मेल को एक साथ अंकित करना होगा जिसके अभाव में यह रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो सकेगी।
कई अवसरों पर किसी वस्तु या अभिलेख के खोने का सही समय या दिनांक का सही ज्ञान नहीं हो पाता है, ऐसी परिस्थिति में आप यह भी अंकित करा सकते है कि आपकी वस्तु या अभिलेख किस दिनांक या समय से किस दिनांक या समय के मध्य खोयी थी। कई बार जब व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा कर रहा होता है अथवा काफी लम्बे समय बाद उसे किसी वस्तु या अभिलेख के खोने का ज्ञान होता है तो ऐसी अवस्था में आपको जितनी जानकारी हो उतनी जानकारी अंकित करें। यदि आपको वस्तु खोने के जिले की जानकारी है, तो उसे अवश्य अंकित करें। उत्तर प्रदेश के भीतर ही खोयी वस्तु के संबंध में दी गयी उक्त सूचना की वैधानिक मान्यता होगी। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस सूचना के आधार पर पुलिस द्वारा कोई विवेचना या जांच नहीं की जाती है। यह मात्र पुलिस को एक सूचना है तथा इसका केवल भविष्य के संदर्भ हेतु ब्यौरा रखा जाता है। यदि किसी विदेशी व्यक्ति की प्रदेश भ्रमण के दौरान कोई वस्तु उत्तर प्रदेश सीमा के अंदर खोती है तो वह भी इस सेवा का लाभ उठा सकता है।
किसी खोये अभिलेख की नकल प्राप्त करने के लिये इस सेवा के माध्यम से की गयी रिपोर्ट पर्याप्त है। क्यांेकि यह अंकिय (डिजिटल) रूप से हस्ताक्षरित है तथा सक्षम प्राधिकारी द्वारा इसे उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट पर सत्यापित भी किया जा सकता है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस रिपोर्ट का प्रिंट आउट किसी पुलिस थाने में दाखिल किये जाने की आवश्यकता नहीं है। दर्ज की गयी रिपोर्ट को पुनः देखा जा सकता है इसके लिये उत्तर प्रदेश पुलिस की वेब साइड पर जाकर ‘‘दर्ज रिपोर्ट देखें’’ बटन पर क्लिक करना चाहिये।
उत्तर प्रदेश पुलिस की यह मोबाइल सेवा निःशुल्क है इसके लिये केवल आपके मोबाइल आॅपरेटर द्वारा निर्धारित जीपीआरएस थ्री जी सेवा शुल्क ही देय होगा। खोयी हुयी वस्तु या अभिलेख के बारे में आपके द्वारा दी गयी सूचना राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, लखनऊ में इलेक्ट्रानिक रिकार्ड के रूप में दर्ज की जाती है। इस सूचना के आधार पर पुलिस द्वारा कोई अन्वेषण या जांच नहीं की जाती है। इस प्रणाली के माध्यम से केवल उस वस्तु या अभिलेख की ही रिपोर्ट दर्ज की जाती है जो उत्तर प्रदेश की सीमा के अंदर खोये है। प्रदेश की सीमा के बाहर खोयी वस्तु या अभिलेख की रिपोर्ट दर्ज कराने पर उसकी कोई वैधानिक मान्यता नहीं है। यह भी उल्लेखनीय है कि झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना एक दण्डनीय अपराध है। चोरी या अन्य अपराधों की सूचना इसके माध्यम से दर्ज नहीं की जाती है।
उल्लेखनीय है कि किसी खोयी वस्तु या अभिलेख के संबंध में पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखवाना अक्सर जरूरी होता है क्योंकि आपके द्वारा थाने में दी गयी सूचना संबंधी पत्र पर थाने की प्राप्त स्वीकृति एवं मुहर देखकर ही खोयी हुयी वस्तु के दोबारा प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। नयी व्यवस्था में अब इस कार्य के लिये आपको थाने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आॅनलाइन ही आप अपनी बात पुलिस में दर्ज करा सकेंगे।